राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची. झारखंड के राजनीतिक गलियारों में काफी दिनों से चर्चा चल रही है कांग्रेस कोटे के दो मंत्री बदले जा सकते हैं. इस बात को लेकर कई बार भाजपा के विधायक ने भी सवाल उठाए हैं. इसी मुद्दे को लेकर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मां से ज्यादा मौसी को लाड़ आता है. विपक्ष को इतना पेट में दर्द क्यों हो रहा है. मेरा नाव है, मैं नाविक हूं. मैं पहले भी कह चुका हूं मां भारती राष्ट्रभाषा और हमारे जनता से कभी समझौता नहीं करूंगा. अगर समझौता करना पड़े तो ऐसे में सौ बार मंत्री पद से इस्तीफा देना मंजूर होगा. डर-डर के जीना मेरा आदत नहीं है इससे अच्छा मैं आत्महत्या करना मंजूर करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम कुछ कहते हैं, तो विपक्ष का पेट फूलने लगता है. उन्होंने कहा कि भानु प्रताप शाही सरकार को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं. कहा कि सूप बोले तो बोले चलनी भी बोलने लगा, जिसमें 72 छेद है. भानु प्रताप शाही पर सीबीआइ में मामला चल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री रहते उन्होंने जो घोटाला किया था उसी की जांच सीबीआइ कर रही है. दवा घोटाला किया था.
इस बारे में बीजेपी विधायक रणधीर सिंह का कहना है कि कामकाज और परफार्मेंस के आधार पर बदलाव होने वाला है. जब काम ही नहीं किए तो कैबिनेट में रह कर क्या करेंगे. बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही अब इस आंकड़े को बढ़ाकर 3 बता रहे हैं. उनका कहना है कि समय बहुत नजदीक आ गया है और अब इनकी बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख की छुट्टी होने ही वाली है. लेकिन होली के माहौल में इस राजनीतिक चर्चा को लोग अलग-अलग तरीके से ले रहे हैं.
बता दें, कटौती प्रस्ताव के दौरान अनंत ओझा ने कई बार बन्ना गुप्ता पर हमला करते हुए कहा था कि बन्ना को यह दर्द है कि मांझी ही उनकी नाव डुबाने वाला है, लेकिन राज्य की जनता का दर्द तो उन्हें ही बांटना है. इसपर बन्ना ने कहा कि मां से ज्यादा मौसी के पेट में दर्द हो रहा